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इसका मुख्य तोर से तीन काम है. पहला डाटा को लेना जिसे हम Input भी कहते है.
दूसरा काम उस डाटा को Processing करने का होता है और आकिर काम उस processed डाटा को दिखाने का होता है जिसे Output भी कहते हैं.
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है ?(Computer full form in hindi)
कंप्यूटर के बारे में तो आप लोग जानते ही होंग। लेकिन Computer के फुल फॉर्म के बारे में सभी लोगो को पता नहीं होता है। Computer शब्द में सभी वर्णो का अलग-अलग अर्थ होता है।पहली पीढ़ी (1942-1955) वैक्यूम ट्यूब(www.hindibest.tech)
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात नली का प्रयोग परिपथ बनाने में किया जाता था और मेमोरी के लिया चुम्बकीय ड्रम प्रयोग में लाते थे | निर्वात नली के प्रयोग की वजह से इन कंप्यूटर से बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी जो इन कंप्यूटर की बहुत बड़ी समस्या थी | ये कंप्यूटर निम्न स्तरीय भाषा को समझ पाते थे इसलिए इनको को भी कार्य बताने के लिए बाइनरी भाषा काम में ली जाती थी , जो काम में लेने के लिए बहुत मुश्किल थी | क्योकि बाइनरी भाषा में समस्त निर्देश ० और १ के प्रयोग से लिखे जाते हैं जिनमे गलतियों को पहचानना बेहद मुश्किल कार्य होता था | ये कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे | इनपुट व आउटपुट के लिए पंच कार्ड पर प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था | प्रथम जनरेशन के कंप्यूटर में प्रोसेसर के रूप में वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था जो की आकार में बहुत बड़ा होता था युनिवेक और इनियेक प्रथम पीढ़ी के उदाहरण हैंदूसरी पीढ़ी (1956-1965) ट्रांजिस्टर
ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज़ होते थे और इनमे निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर प्रयोग में लाया जाता था | इस ट्रांजिस्टर का आविष्कार 12 sep 1958 में हुआ, इसके प्रयोग के पश्चात कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज़ हो गयी परन्तु ये कंप्यूटर भी ऊष्मा उत्सर्जित करते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में भी इनपुट देने के लिए पंच कार्ड और आउटपुट प्राप्त करने के लिए प्रिंट आउट का ही प्रयोग किया जाता था | लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी भाषा की जगह असेंबली भाषा प्रयोग में लायी जाने लगी | असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में प्रयोग में लिया जाता है | COBOL और FORTRAN भाषाओ के प्रारम्भिक वर्जन का प्रयोग इसी समय किया जाने लगा, जो की उच्च स्तरीय भाषा के उदहारण है |चौथी पीढ़ी (1976-अब तक) माइक्रोप्रोसेसर:-
चचतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत माइक्रोप्रोसेसर से हुई , जो की सिलिकोन से बनी एक चिप होती थी जिस पर हजारो आई.सी. एक साथ लगी होती है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जो की काम में लेने के लिए बहुत आसान था। GUI- Graphical User Interface इस पीढ़ी में ही माउस का प्रयोग शुरू हुआ और प्रोग्राम लिखने के लिए कुछ उच्च स्तरीय भाषाओ को विकसित किया गया जैसे- C और C++ | · Intel कंपनी ने सर्वप्रथम 1971 में माइक्रोप्रोसेसर चिप का प्रयोग किया और उसे Intel-4004 नाम दिया | · 1981 में IBM ने होम यूजर के लिए पहला कंप्यूटर बनाया | · 1984 में APPLE कंपनी ने Macintosh- Operation System बनाया | IBM- International Business Machineपाँचवी पीढ़ी (१९८२-वर्तमान) कृत्रिम बुद्धि
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ए.आई. के साथ विकसित हुई, ए.आई. से तात्पर्य है की एक मशीन जो मानवीय गुणों को समझ सके| ये पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल उपकरणों में काम लेते है जैसे- फिंगर प्रिंट , रोबोट , आवाज द्वारा इनपुट देना आदि | इस पीढ़ी का मुख्य उद्देश्य ऐसी मशीन का निर्माण करना है जो यूजर की भाषा को समझ सके और उसका जवाब दे सके और साथ ही वो मशीन सिखने में सक्षम हो |कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
Father Of Computer Charles Babbage आधुनिक कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है? ऐसे तो बहुत से लोगों ने इस Computing Field में अपना योगदान दिया है. लेकिन इन सब में से ज्यादा योगदान Charles Babage का है. क्यूंकि उन्होंने ही सबसे पहले Analytical Engine सन 1837 में निकला था. उनके इस engine में ALU, Basic Flow control और Integrated Memory की concept लागु की गयी थी. इसी model पे ही Base करके आजकल के कंप्यूटर को design किया गया. इसी कारन उनका योगदान सबसे ज्यादा है. तभी उनको कंप्यूटर के जनक के नाम से भी जाना जाता है.कंप्यूटर की परिभाषा
किसी भी modern digital कंप्यूटर के कई components हैं लेकिन उन में से कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण है जैसे Input device, Output Device, CPU(Central Processing Unit), Mass Storage Device और Memory.
कंप्यूटर कैसे काम करता है?
  कंप्यूटर एक मशीन है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे Components से मिलकर बना होता है। एक कंप्यूटर इनपुट यूनिट के माध्यम से डेटा प्राप्त करता है जो कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स मानव शरीर की तरह ही Computer के भी कई सारे पार्ट्स होते है। इन सभी पार्ट्स को मुख्य रूप से दो भागों: Hardware और Software में विभाजित किया जाता है। वे पार्ट्स जो भौतिक (Physical) है, अर्थात जिन्हें हम देख व छू सकते है, Hardware कहलाते है; Software, कंप्यूटर के भौतिक भाग को बताते है, क्या करना है और कैसे करना है, इन्हें प्रोग्राम अथवा एप्लीकेशन भी कहा जाता है। अगर आप किसी सामान्य Desktop PC को देखेंगे तो उसमें आपको एक Cabinet, Monitor, Keyboard, Mouse और UPS देखने को मिलेगा। हालांकि अन्य पार्ट्स कैबिनेट के भीतर मौजूद होते है। तो आइये Computer के कुछ बेसिक पार्ट्स के बारे में जानें।
Main Circuit Board
Computer का मुख्य सर्किट बोर्ड Motherboard है। यह Cabinet के भीतर मौजूद ग्रीन कलर का एक बड़ा सा सर्किट बोर्ड होता है। इसका कार्य CPU, RAM, Hard Drive, Graphics Card और अन्य हार्डवेयर पार्ट्स को आपस मे कनेक्ट करना है; साथ ही मदरबोर्ड, I/O Devices को Computer से जोड़ने के लिए Ports भी प्रदान करता है
RAM :
RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता हैं. इसे Main Memory और प्राथमिक मेमोरी भी कहते हैं. RAM में CPU द्वारा वर्तमान में किये जा रहे कार्यों का डाटा और निर्देश स्टोर रहते हैं. यह मेमोरी CPU का भाग होती हैं. इसलिए इसका डाटा Direct Access किया जा सकता है.
CPU इन Cells से अलग-अलग डाटा प्राप्त कर सकता हैं. और वो भी बिना Sequent के मतलब RAM में उपलब्ध डाटा को Randomly Access किया जा सकता हैं. शायद इसी विशेषता के कारण इस मेमोरी का नाम Random Access Memory रखा गया हैं.
RAM एक Volatile Memory होती हैं. इसलिए इसमे Store Data हमेशा के लिए स्टोर नही रहता है. जब तक RAM में Power Supply On रहती है. तब तक डाटा रहता हैं. Computer Shut Down होने पर RAM का सारा डाटा स्वत: डिलित हो जाता हैं.
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RAM की विशेषताएँ – Characteristics of Computer RAM in Hindi
- CPU का भाग होती हैं.
- इसके बिना कम्प्यूटर अपना काम नही कर सकता हैं.
- कम्प्यूटर की प्राथमिक मेमोरी होती हैं.
- उपलब्ध डाटा Randomly Access कर सकते है.
- अस्थाई मगर तेज होती हैं.
- RAM मंहगी होती हैं.
- Storage से भिन्न होती हैं.
RAM के विभिन्न प्रकार – Types of RAM in Hindi
Computer लगातार विकास कर रहा हैं. जिसके कारण इसके अन्य महत्वपूर्ण भागों को भी उन्नत होना पडा हैं. जिनमे RAM भी शामिल हैं. RAM भी विकास के कारण अलग-अलग कार्य विशेषताओं में उपलब्ध हुई हैं. जिन्हे दो प्रमुख प्रकार में बांट सकते हैं.
- SRAM
- DRAM
1. SRAM
SRAM का पूरा नाम Static Random Access Memory होता हैं. जिसमें शब्द “Static” बताता हैं कि इस RAM में डाटा स्थिर रहता हैं. और उसे बार-बार Refresh करने की जरूरत नही पडती है.
यह RAM भी Volatile Memory होती हैं. इसलिए Power On रहने तक इसमे डाटा मौजूद रहता हैं. Power Off होते ही सारा डाटा स्वत: डिलिट हो जाता हैं. इस मेमोरी को Cache Memory के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं.
2. DRAM
DRAM का पूरा नाम Dynamic Random Access Memory होता हैं. जिसमे शब्द “Dynamic” का मतलब होता हैं चलायमान. अर्थात हमेशा परिवर्तित होते रहना. इसलिए इस RAM को लगातार Refresh करना पडता हैं. तभी इसमें डाटा स्टोर किया जा सकता है.
DDR3 RAM इस मेमोरी का एक अच्छा उदाहरण है.
CPU की मुख्य मेमोरी के रुप में DRAM का ही इस्तेमाल किया जाता हैं. क्योंकि इसमे से डाटा को Randomly प्राप्त किया जा सकता हैं. और इसमें नया डाटा अपने आप स्टोर होता रहता है. जिसके कारण CPU की कार्य क्षमता तेज बनी रहती है.
DRAM भी Volatile होती हैं. इसलिए इसमें भी डाटा Power Supply On रहने तक ही स्टोर रहता हैं. आजकल Computers, Smartphones, Tablets आदि उपकरणों में DRAM का ही इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि यह SRAM से सस्ती भी होती हैं.
Hard Drive:
Hard Drive वो component है जहाँ software, documents और दुसरे file को save किया जाता है. इसमें data लम्बे समय तक store होकर रहता है.
Power Supply Unit
Power supply unit का काम होता है की Main Power Supply से पॉवर लेकर उसे जरुरत के अनुसार दुसरे components में Supply करना.
Expansion Card
सभी Computers के Expansion Slots होते हैं जिससे की हम Future में कोई Expansion Card को add कर सकें. इन्हें PCI (Peripheral Components Interconnect) card भी कहा जाता है. लेकिन आज कल के Motherboard में built in ही कई Slots पहले से होते हैं. कुछ Expansion Card के नाम जो हम पुराने computers को update करने के लिए इस्तमाल कर सकते हैं.
- Video Card
- Sound card
- Network Card
- Bluetooth Card (Adapter)
Input/Output Devices
I/O Devices उन्हें कहा जाता है, जो Computer में डेटा को इनपुट (Input) करने और आउटपुट (Output) प्राप्त करने का काम करती है। इन डिवाइस के उपयोग से यूजर और Computer के बीच संवाद सम्भव हो पाता है। ये भी कह सकते है, कि इन डिवाइस के उपयोग से यूजर Computer को नियंत्रित कर पाता है। मुख्य Input/Output Devices के उदाहरण:
- Keyboard
- Mouse
- Monitor
- Printer
- Spea
कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार – Types of Computer in Hindi
अगर आप Computer शब्द का प्रयोग सिर्फ घर और ऑफिस में उपयोग होने वाले PC के लिए करते है, तो आप गलत है। इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिये किया जाता है, जो यूजर से निर्देश (इनपुट) लेकर उसकी प्रोसेसिंग करते है, और उत्पादित परिणाम (आउटपुट) को यूजर को प्रदान करते है। नीचे विभिन्न प्रकार के Computer डिवाइस की चर्चा की गयी है।
Desktop Computer
एक Desktop Computer आपके घर या ऑफिस की डेस्क में रखा जाता है। आमतौर पर एक व्यक्ति के काम करने के लिये डिजाइन किया गया है, जिसके चलते इसे Personal Computer (PC) भी कहते है। इसे कन्ट्रोल करने के लिये मुख्य रूप से कीबोर्ड और माउस का इस्तेमाल होता है; परिणाम देखने और टास्क की मॉनिटरिंग के लिए डिस्प्ले डिवाइस के रूप में मॉनिटर मौजूद होता है। पावर देने के लिये इसे मुख्य पावर सप्लाई से जोड़ना पड़ता है, क्योंकि इसमें इन्टरनल बैटरी नही लगी होती है।
Laptop
Laptop एक ऑल-इन-वन Computer सिस्टम है, जिसे पूरी तरह फंक्शनल होने के लिये बाहरी उपकरणों की आवश्यकता नही होती; बल्कि स्क्रीन, कीबोर्ड और टचपैड इसमें इन-बिल्ट होते है। आमतौर पर यह डेस्कटॉप से साइज में काफी छोटे और वजन में हल्के होते है। जिस वजह से Laptop काफी पोर्टेबल है, और इसे आप अपने साथ कही भी ले जा सकते है। यह बैटरी पर चलते है, एक बार चार्ज कर लेने पर कई घण्टों तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
Tablet
Tablet, एक फ्लैट टचस्क्रीन डिवाइस होती है। इसका साइज लैपटॉप से छोटा और स्मार्टफोन से बड़ा होता है। इसमें इनपुट देने के लिये स्क्रीन पर उंगलियों से टच करना होता है, हालांकि कुछ Tablet Devices में इसके लिये Stylus (or Light Pen) का भी उपयोग किया जाता है। यह बहुत अधिक पोर्टेबल होते है, जिसके कारण इसे अपने साथ कहि भी ले जाना आसान होता है।
Server
Server भी एक प्रकार का Computer है, जो किसी नेटवर्क पर अन्य Computers को डेटा, संसाधन और सेवाएं इत्यादि प्रदान करता है। यह विभिन्न प्रकार के होते है, जिसमें ― वेब सर्वर, मेल सर्वर, फाइल सर्वर और एप्पलीकेशन सर्वर इत्यादि शामिल है।
कंप्यूटर का उपयोग – Application of Computer in Hindi
कंप्यूटर का उपयोग कहाँ कहाँ होता है? देखा जाये तो कंप्यूटर का इस्तमाल हम अपने जीवन में हर जगह करते आ रहे हैं और करते रहेंगे. ये हमारा एक अंग सा बन गया है. मैंने इसके कुछ इस्तमाल को आपकी जानकारी के लिए निचे लिखी हुई हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग: शिक्षा में इनका सबसे बड़ा हाथ है, अगर कोई स्टूडेंट को किसी चीज़ के बारे में जानकारी चाहिए तब उसे कुछ मिनटों में ही ये जानकारी उपलब्ध हो जाती है इसकी मदद से. Research से पता चला है की कंप्यूटर की मदद से किसी भी student की learning performance में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. आजकल को घर बैठे ही Online Classes की मदद से पढाई की जा सकती है.
Health and Medicine: ये Health और मेडिसिन के लिए एक वरदान है. इसकी मदद से आजकल मरीजों का इलाज बहुत ही आसानी से हो जाता है. आजकल सभी चीज़े digital हो गयी है जिससे बड़ी आसानी से रोग के बारे में पता चल जाता है और उस हिसाब से उसका इलाज भी possible है. इससे operation भी आसान बन गए हैं.
विज्ञान के छेत्र में कंप्यूटर का उपयोग: ये तो Science की ही देन है. इससे research में बहुत ही आसानी होती है. आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है जिसे Collaboratory भी कहा जाता है जिससे दुनिया के सारे scientist एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं, इससे कुछ फरक नहीं पड़ता है की आप कोन से देश में मह्जूद हो.
Business: Business में इसका बहुत बड़ा हाथ है productivity और competitiveness को बढ़ने के लिए. इसका इस्तमाल मुख्य तोर से Marketing, Retailing, Banking, Stock Trading में होता है. यहाँ सभी चीज़ें digital होने के कारण इसकी processing बड़ी ही फ़ास्ट हो गयी है. और आजकल Cashless Transaction पे ज्यादा importance दिया जा रहा है.
Recreation and Entertainment: Entertainment के लिए ये एक नया अड्डा बन गया है, किसी भी चीज़ों के बारे में आप बात करो जैसे Movies, Sports या resturants कहीं की भी बात करो इनकी इस्तमाल सभी जगह है.
Government: आजकल तो Government भी इनकी इस्तमाल के ऊपर ज्यादा focus दे रही है. यदि हम बात करें Traffic, Tourism, Information & Broadcasting, Education, Aviation सभी जगह में इनके इस्तमाल से हमारा काम बहुत हो आसन हो गया है.
Defence: सेना में भी इनका इस्तमाल काफी हद तक बढ़ गया है. जिसकी मदद से अब हमारी सेना और ज्यादा सशक्त बन गयी है. क्यूंकि आजकल सभी चीज़ों को कंप्यूटर की मदद से control किया जाता है.
ऐसी बहुत से जगह हैं जहाँ हम इसका इस्तमाल करते हैं हमारी जरुरत के अनुसार.
कंप्यूटर के लाभ:
वैसे ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा Computer ने हम इंसानों के जीवन को बहुत ही सहज बना दिया है अपने incredible Speed, Accuracy और Storage के मदद से.
इससे इन्सान जब चाहें तब कुछ भी save कर सकते हैं और कुछ भी खोज सकते हैं आसानी से. हम कह सकते हैं की computer एक बहुत ही versatile machine होता है क्यूंकि ये बहुत ही flexible होता है अपने jobs को करने में.
लेकिन इसके वाबजूद भी हम कह सकते हैं की computer एक बहुत ही versatile machine होता है क्यूंकि ये बहुत ही flexible होता है अपने काम को करने में, वहीँ इन machines के कुछ important advantages और disadvantages भी होते हैं.
चलिए इनके विषय में जानते हैं.
1. Multitasking
Multitasking एक बहुत ही बड़ी advantage होती है computer की. इसमें कोई आदमी आसानी से multiple task, multiple operation, numerical problems को calculate कर सकते हैं वो भी कुछ seconds में. Computer आसानी से trillion of instructions per second में calculate कर सकती हैं.
2. Speed
अब ये केवल एक calculating device बनकर ही नहीं रह गया है. अब ये हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन चूका है.
इसकी बहुत ही बड़ी advantage हैं इसकी high speed, जो की इसे कोई भी task को complete करने में मदद करती है वो भी बहुत ही कम समय में. इसमें प्राय सभी operations को तुरंत ही किया जा सकता है, अन्यथा इन्हें करने में बहुत समय लगता.
3. Cost / Stores करती हैं बड़ी मात्रा में data
यह एक low cost solution होता है. क्यूंकि इसमें कोई इन्सान बहुत ज्यादा मात्रा की data को कम budget में save कर सकता है. Centralized database का इस्तमाल से बहुत ही high quantity की information को store किया जा सकता है, जिससे की cost को बहुत हद तक कमाया जा सकता है.
4. Accuracy
ये computer अपने calculation को लेकर बहुत ही ज्यादा accurate होते हैं, इनमें गलती होने की संभावनाएं न के बराबर होती है.
5. Data Security
Digital Data को protect करना ही Data Security कहलाता है. Computer हमारे digital data को unauthorized users जैसे की cyberattack या access attack से रक्षा करती है.
कंप्यूटर के हानि
अब चलिए Computer के कुछ disadvantages (कंप्यूटर की हानियाँ) के विषय में जानते हैं.
1. Virus और Hacking Attacks
Virus एक destructive program होता है और hacking उस unauthorized access को कहा जाता है जिसमें Owner को आपके बारे में पता नहीं होता हिया.
इन Virus को आसानी से email attachment के द्वारा फैलाया जा सकता है, कभी कभी USB से भी, या किसी infected websites से इन्हें आपके computer तक पहुँचाया जा सकता है.
वहीँ एक बार ये आपके computer तक पहुँच जाये तब आपके computer को बर्बाद कर देता है.
2. Online Cyber Crimes
इन Online cyber-crime को करने के लिए computer और network का इस्तमाल किया जाता है. वहीँ Cyberstalking और Identity theft भी इन्ही online cyber-crimes के तहत आते हैं.
3. Employment opportunity में घटौती होना
चूँकि computer एक साथ बहुत से कार्य को करने में सक्षम होता है इसलिए employment opportunity को भरी नुकसान होता है.
इसलिए banking sector से लेकर कोई भी governmental sectors की आप बात देख लो सभी भी computers को ज्यादा महत्व दिया जाता है लोगों के स्थान में. इसलिए बेरोजगारी केवल बढती ही जा रही है.
दुसरे disadvantage की बात करूं तब इसकी IQ नहीं होती है, ये बिलकुल ही users के ऊपर निर्भर करता है, इसकी कोई feeling नहीं होती है, ये खुद से कोई decision नहीं ले सकता है.
कंप्यूटर का भविस्य
वैसे तो दिन ब दिन कंप्यूटर में काफी Technological बदलाव आ रहे है. दिन प्रतिदिन ये ज्यादा सस्ती और ज्यादा performance वाली और ज्याद capacity वाली बन रही है. जैसे जैसे लोगों की जरुरत बढ़ेगी वैसे वैसे इसमें और भी ज्यादा बदलाव आएगा. पहले तो ये एक घर के आकर का था, अब ये हमारे हाथों में ही समां जा रहा है.
एक समय ऐसा भी आएगा जब ये हमारे मन से नियंत्रित होगा. आजकल Scientists Optical computer, DNA Computer, Neural Computer और Quantum Computer के ऊपर ज्यादा research कर रहे हैं . इसके साथ साथ ही Artificial Intelligence के ऊपर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है ताकि ये खुदबखुद अपना काम सुचारू रूप से कर सके.
आज आपने कंप्यूटर के बारे में सिखा:
अब तक आपको कंप्यूटर का introduction हिंदी में मिल चूका है. मुझे पूर्ण विश्वास है की मैंने आप लोगों को कंप्यूटर क्या और कंप्यूटर में कितने प्रकार है इसके बारे में पूरी जानकारी दी और विश्वास करता हूँ आप लोगों को इस कंप्यूटर Technology के बारे में समझ आ गया होगा.आसानी से अब आप कंप्यूटर किसे कहते हैं ये किसी कोभी बता सकते हो. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में What'up,Mail,Facebook,Instagram,twitter से share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत फायदा होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी शंका है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं.
मैं जरुर उन शंका का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख कंप्यूटर किसे कहते है कैसा लगा आपको comment लिखकर जरूर बताएं ताकि मुझे भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.
गोविंदा सोनवने.
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